आज जब हर तरफ प्रगति हो रही है,तो आज लगता है कि हमारी हिंदी भाषा के कुछ मुहावरों में भी बदलाव की जरुरत है।आप सभी के सुलभ सन्दर्भ हेतु कुछ मुहावरे प्रस्तुत कर रहा हूँ। (१) घढ़ियाली आंसू बहाना के स्थान पर राजनैतिक आंसू बहाना (२)हाथ कंगन को आरसी क्या के स्थान पर नेताजी को कदाचार क्या (३) मीठा जहर पिलाना के स्थान पर भौतिकवाद बढ़ाना (४) आँख में मिर्ची झोंकना के स्थान पर चुनाव जीतना (५) पेट में बैठकर काटना के स्थान पर चुनावी वादे करना।
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