अपने नेताजी सुख सुख के साथी, सिर्फ चमचागीरी है इन्हें लुभाती।
इनको शब्दकोष में <हाँ,जी>भाता,
अन्य कोई शुद्ध शब्द भले नहीं आता।
इसीके सहारे टिकिट है पाते,
फिर जनता को भी यही सुनाते।
जब भी चुनाव का मौका आता,
तारे भले ही मांगे मतदाता।
हाँ,जी कह कर उसे पटाते,
भांति भांति के स्वप्न दिखाते।
तिकणम लगायें जाति धर्म की,
भले न आती बात मर्म की।
मतदाता के बेटा बन जाते,
फिर नहीं दर्शन भी देने आते।
राजनीति है इनका व्यवसाय,
इसीसे हैं धन लेत कमाय।
भले न अन्य योग्यता इनमे,
मतदाता को बहलाले छन में।
मूलमन्त्र है इनका हाँ,जी,
इसीसे सबकी मारें भांजी।
झूठी हाँ,जी योग्य बनाती,
नाकारों के भी मजे कराती।
भले ही जन प्रतिनिधि कहलाते,
चुनाव जीत राजा बन जाते।
इनको शब्दकोष में <हाँ,जी>भाता,
अन्य कोई शुद्ध शब्द भले नहीं आता।
इसीके सहारे टिकिट है पाते,
फिर जनता को भी यही सुनाते।
जब भी चुनाव का मौका आता,
तारे भले ही मांगे मतदाता।
हाँ,जी कह कर उसे पटाते,
भांति भांति के स्वप्न दिखाते।
तिकणम लगायें जाति धर्म की,
भले न आती बात मर्म की।
मतदाता के बेटा बन जाते,
फिर नहीं दर्शन भी देने आते।
राजनीति है इनका व्यवसाय,
इसीसे हैं धन लेत कमाय।
भले न अन्य योग्यता इनमे,
मतदाता को बहलाले छन में।
मूलमन्त्र है इनका हाँ,जी,
इसीसे सबकी मारें भांजी।
झूठी हाँ,जी योग्य बनाती,
नाकारों के भी मजे कराती।
भले ही जन प्रतिनिधि कहलाते,
चुनाव जीत राजा बन जाते।
5 comments:
भले ही जन प्रतिनिधि कहलाते, चुनाव जीत राजा बन जाते।
नेता जी का सही चित्रण ..
hausala afajaee ka shukriya.
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज रविवार (05-05-2013) आ गये नेता नंगे: चर्चा मंच 1235 में "मयंक का कोना" पर भी है!
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
shashtri ji dhanyabad.
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