सम्मान,सुरक्षा,हर सुविधा यंहा मिल ही रही है जिनको।
पता नहीं क्यों आन पड़ी भ्रष्टाचार की जरुरत उनको। जीविकोपार्जन बाद तो सिर्फ,सम्मान ही चाहत होती है। अरु भ्रष्टाचारी हरकत तो उसी सम्मान को ही खोती है।
इनके इस आचरण का कोई,मकसद समझ न आता है। इनकी ओछी हरकत से पद का भी सम्मान खो जाता है। जीविकोपार्जन हेतु इन्हें मौत तक की पेन्सन सुरक्षा है।
तू ही इन्हें अब सदबुद्धि दे,न जाने क्या इनकी इच्छा है।
ऊँचे पदों पर बैठकर भी क्यों,ओछी मानसिकता रखते है।
सम्मान की खातिर ही,भ्रष्टाचार करते हुए नहीं थकते है।
दोषी भले बताये हमारा समाज ही,इनसे ये सब करा रहा है।
उपेक्षा करने की बजाय उनकी,उन्हें फूलमाला पहना रहा है।
पता नहीं क्यों आन पड़ी भ्रष्टाचार की जरुरत उनको। जीविकोपार्जन बाद तो सिर्फ,सम्मान ही चाहत होती है। अरु भ्रष्टाचारी हरकत तो उसी सम्मान को ही खोती है।
इनके इस आचरण का कोई,मकसद समझ न आता है। इनकी ओछी हरकत से पद का भी सम्मान खो जाता है। जीविकोपार्जन हेतु इन्हें मौत तक की पेन्सन सुरक्षा है।
तू ही इन्हें अब सदबुद्धि दे,न जाने क्या इनकी इच्छा है।
ऊँचे पदों पर बैठकर भी क्यों,ओछी मानसिकता रखते है।
सम्मान की खातिर ही,भ्रष्टाचार करते हुए नहीं थकते है।
दोषी भले बताये हमारा समाज ही,इनसे ये सब करा रहा है।
उपेक्षा करने की बजाय उनकी,उन्हें फूलमाला पहना रहा है।
4 comments:
Pass it on to facebook for ministers and officers to read.
you can post.
वाह ....क्या बात है
एक कड़वी सच्चाई
thanks anju ji
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