Tuesday 28 February 2012

मेरा विचार

युवाओ देश की किस्ती तो,
 अब तुमको ही चलाना है.
 आओ प्रण करो देश के लिए,
 तुम्हे कुछ कर दिखाना है.
 मुश्किल नहीं है कुछ भी,
 तुम्हे अगर  कर दिखाना है,
आसान है सब तुमको ,
अगर आसमां भी झुकाना है.
 तुम मन से चाहो तो,
 क्या नहीं कर सकते हो.
चाहो तो सागर को,
 गागर में भर सकते हो.
चाहो तो चट्टानों को, 
तुम रज कर सकते हो.
चाहो तो तूफानों की भी,
तुम राह मोड़ सकते हो.
चाहो तो तुम रब का,
 ऋतु चक्र भी तोड़ सकते हो.
भारत के आदर्श निभाकर,
देश से भ्रस्टाचार हटाना है
.न्याय सुनिश्चित करना है,
तुमको अन्याय मिटाना है
.भेदभाव की तोड़ दिवाले,
सिर्फ भारतीय कहलाना है.
शहीदों के सपनों का भारत,
तुमको ही तो बनाना है. 

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