क्यों ये जीवन फूल खिलता है?
प्रश्न बहुत छोटा है,
पर बहुत ही अनूठा है,
समाधान नहीं मिलता है।
क्यों ये जीवन फूल खिलता है?
परिवार को जिए नहीं,
समाज को कुछ किये नहीं,
आदर्श भी कुछ दिए नहीं,
समाधान नहीं मिलता है।
क्यों ये जीवन फूल खिलता है?
हो न सके माँ बाप के,
सपने बुने अपने आपके,
वो भी पूरे हुए नहीं,
समाधान नहीं मिलता है।
क्यों ये जीवन फूल खिलता है?
चैन नहीं एक पल,
हम ये करेंगे कल,
काम आज ख़त्म नहीं,
समाधान नहीं मिलता है।
क्यों ये जीवन फूल खिलता है?
कल की आस में,
धन की तलाश में,
शौहरत की प्यास में,
समाधान नहीं मिलता है।
क्यों ये जीवन फूल खिलता है?
रातों-रात जागते,
दिनभर रहे भागते,
आज तक न पहुंचे कहीं,
समाधान नही मिलता है।
क्यों ये जीवन फूल खिलता है?
प्रश्न बहुत छोटा है,
पर बहुत ही अनूठा है,
समाधान नहीं मिलता है।
क्यों ये जीवन फूल खिलता है?
परिवार को जिए नहीं,
समाज को कुछ किये नहीं,
आदर्श भी कुछ दिए नहीं,
समाधान नहीं मिलता है।
क्यों ये जीवन फूल खिलता है?
हो न सके माँ बाप के,
सपने बुने अपने आपके,
वो भी पूरे हुए नहीं,
समाधान नहीं मिलता है।
क्यों ये जीवन फूल खिलता है?
चैन नहीं एक पल,
हम ये करेंगे कल,
काम आज ख़त्म नहीं,
समाधान नहीं मिलता है।
क्यों ये जीवन फूल खिलता है?
कल की आस में,
धन की तलाश में,
शौहरत की प्यास में,
समाधान नहीं मिलता है।
क्यों ये जीवन फूल खिलता है?
रातों-रात जागते,
दिनभर रहे भागते,
आज तक न पहुंचे कहीं,
समाधान नही मिलता है।
क्यों ये जीवन फूल खिलता है?
7 comments:
Very good. Har insan ke jeevan ki tasweer kheench di apne.
बहुत सुंदर रचना और प्रश्न भी .....
कल की आस में, धन की तलाश में, शौहरत की प्यास में, समाधान नहीं मिलता है।
....बहुत सुन्दर और सटीक रचना...
dhanyabaad ji aap sabako.
खूबसूरत भाव लिए रचना |
आशा
dhanyabad ji bhav vichar to sab janate hai apani to sirf tukabandi hai jo ho jaye.
bahut khub
Post a Comment